पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट)
Panchayati Raj Institute of Training (PRIT)

पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) की स्थापना

73वें संविधान संशोधन के फलस्वरूप पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक स्तर प्राप्त होने के उपरांत त्रिस्तरीय पंचायतों को व्यापक अधिकार प्रदान किये गये हैं। इसी क्रम में विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया में केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों के क्षमता संवर्धन हेतु निर्वाचित प्रतिनिधयों तथा पंचायतों से जुड़े

हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने हेतु राज्य स्तरीय पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस आवश्यकता को मूर्त रूप देने की दिशा में पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) स्थापित करने हेतु निदेशक पंचायती राज द्वारा दिनांक 07 मई, 2015 को

शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। माननीय मंत्री परिषद द्वारा प्रिट के गठन के सम्बन्ध में लिए गए निर्णय दिनांक 14 मार्च, 2016 के क्रम में शासनादेश दिनांक 18 मार्च, 2016 द्वारा पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) को स्थापित करने की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई।

में लोहिया भवन, अलीगंज, लखनऊ मे पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) स्थापित किया गया। सम्प्रति सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अन्तर्गत पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) का पंजीकरण दिनांक 05 मई, 2016 को कराया गया।

पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं कर्मियों के प्रशिक्षण, अध्ययन, भ्रमण, शोध तथा प्रशिक्षण संस्थान के संचालन हेतु आवश्यक आवर्ती व्यय के लिए ग्रामीण निकायों हेतु प्रतिवर्ष संक्रमित की जाने वाली धनराशि मे से राज्य स्तर पर चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियां के अन्तर्गत पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान हेतु 0.15 प्रतिशत धनराशि मात्राकृत की गई है।

यह मात्राकृत धनराशि व्यपगत (लैप्स) या व्यावर्तित (डाइवर्ट) नहीं होगी। अपनी स्थापना से अब तक संस्थान द्वारा 9,39,892 पंचायत प्रतिनिधियों/अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

उद्देश्य

  • विकेन्द्रीकृत शासन को मजबूत करने हेतु त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के निर्वाचित सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना।
  • क्षमता निर्माण और नेतृत्व विकास।
  • प्रशासनिक दक्षता और आधुनिक डिजिटल कौशल प्रशिक्षण।
  • महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने हेतु विशेष मॉड्यूल।

प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • विभिन्न प्रशिक्षण: ईएचआरएमएस, सीएससी, ई-डिस्ट्रिक्ट आदि।
  • डिजिटल सशक्तिकरण और तकनीकी उपयोग।
  • दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाना।
  • HR प्रबंधन समाधान।

सुविधाएँ

  • वातानुकूलित व्याख्यान कक्ष, सम्मेलन कक्ष और सभागार।
  • पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग छात्रावास।
  • आधुनिक खेलकूद की सुविधाएँ।
  • पूरी तरह सुसज्जित प्रशिक्षण कक्ष।

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